The Ultimate Guide To Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
डर के सामने असहाय महसूस करना, भले ही आप जानते हों कि यह तर्कहीन है
ये सभी डर अगर बचपन में समझाए न जाएं, तो वही वयस्क होने पर भी पीछा करते हैं।
जिससे हमें घबराहट महसूस होना शुरू हो जाती है और हम अपने आपको कमजोर सा महसूस करने लगते हैं. यानी हम उस वक़्त डरने लगते हैं.
आपने देखा होगा की नशा करने वाले लोग सिर्फ नशा करने के बाद ही खुलकर बोलने की हिम्मत कर पाते हैं.
क्योंकि वो खुश नहीं होता और उसकी अंदरूनी ख़ुशी गुम हो चुकी होती है. उसका दिल हमेशा उसे इस बात का अहसास करवाता रहता है की उसने बहुत गलत काम किये हैं.
सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मलेन
यहाँ हमारे कहने का मतलब ये नहीं है की आप शेर के सामने जाकर खड़े हो जाइए. हम ये कहना चाहते हैं की जिस तरह की परिस्थितयों से आपको डर लगता है, जहाँ जाने से आपको डर लगता है, जो काम करने से आपको डर लगता है, जिसके सामने जाने से आपको डर लगता है,वहां जाना शुरू कीजिये.
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हमेशा सकारात्मक रहते हुए ज़िन्दगी को बिताएं. बुरा किसके साथ नहीं होता? सबके साथ होता है. सुख दुःख सबके जीवन में चलते रहते हैं.
परिचय – डर क्या है और यह कैसे पैदा होता है?
हर किसी के मन में किसी न website किसी बात को लेकर डर की स्थिति होती है। इस मन के डर को कैसे निकालें, इसके लिए इन बातों का ख्याल रखें।
आप जो परिणाम चाहते हैं उसकी कल्पना करें: अब जब आपको अपने डर की बेहतर समझ है, तो सोचकर देखें कि आप वास्तव में क्या बदलना चाहते हैं। बिना किसी डर के अपने जीवन का अनुभव लेते हुए अपनी कल्पना करें। आपको कैसा लगता है?
जब हम किसी विपरीत परिस्थिति में फंस होते हैं या डर लगने वाली स्थिति होती है तो मन तरह-तरह के बहाने बनाने लगता हैं – मेरे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है? मेरे पास ये नहीं है, वो नहीं हैं, मैं तो अकेला हूं!
आपने जाना कि आपका डर तर्कसंगत नहीं है, यानि उससे डरने का असल में कोई मतलब नहीं है।